व्यवहारिक ज्ञान
उलझनों को झुक कर सुलझाना पड़े तो संकोच नहीं करना चाहिए.
असहज व्यक्ती के साथ भी सहजता-सहनशीलता से समय निकाल लिया जाये.
ध्यान रहे कि वाक्यों से वैमनस्य पैदा ना हो.
भगवान श्रीनारायण की ओर चित्त लगा रहे तो सब कुछ बहुत अच्छा होगा.
-श्रीनारायण भक्ती पंथ के प्रवर्तक स्वामी श्रीलोकेशानंदजी महाराज के अमृत वचन
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