श्रीनारायण
परम पुण्यमय श्रीपुरुषोत्तम मास की द्वितीय एकादशी जिसे श्री पुरुषोत्तमी एकादशी भी कहते हैं। यह एकादशी तीन वर्ष में एक बार आती हैं जो की 12 अगस्त शनिवार के दिन मनाई जाएगी, क्योंकि यह एकादशी अधिक मास में आती हैं।
शास्त्रों का कथन हैं की इस एकादशी का व्रत करने से संकल्प सिद्धि प्राप्त होती हैं। भगवान श्रीनारायण प्रसन्न होते हैं। इस एकादशी को परमा एकादशी भी कहते हैं इसका विधि विधान से व्रत करें तो अश्वमेघ यज्ञ करने का फल प्राप्त होता हैं।
जिसके घरों में श्रीनारायण भक्ति पंथ के माध्यम से भगवान के श्रीविग्रह विराजमान हैं। वे भक्त तो बडेही भाग्यशाली हैं। सभी विष्णुभक्तों को एकादशी के दिन विशेष स्वरूप सेवा करनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान लक्ष्मीनारायण का कृपा आशीर्वाद बना रहता हैं।
श्रीनारायण भक्ति पंथ के प्रवर्तक संतश्री लोकेशानंदजी स्वामीजी का कहना हैं की घर घर में भगवान श्रीनारायण की पूजा होनी चाहिए। क्योंकि सनातन धर्म इसि का प्रतिपादन करता है।