💐🌹 सद्गुरु की महिमा 🌹💐
संसार में कदाचित सूर्य को छोड़कर अन्य कहीसे प्रकाश प्राप्त हो सकता है, परंतु सदगुरु को छोड़कर अन्य कही से भी आत्मज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता।
यदि मछली जल के बिना (भूमिपर) जीवित रह सके और चंद्रमा से यदि आग बरसे, तो गुरु सेवा के बिना भी सुख मिल सकता है। अर्थात् जैसे मछली जल के बिना जीवित नहीं रह सकती और जैसे चंद्रमा से अग्नि बरसना असंभव है। उसी प्रकार गुरु सेवा के बिना सुख की प्राप्ति भी असंभव है।
इसलिए संसार में सबसे अधिक महत्व यदि किसी का है तो सदगुरु का, सदगुरु की महिमा यदि कम शब्दों में कहें तो संसार में दो वस्तुएं हैं, जिनकी प्राप्ति से जीवन माना जायेगा। पहली वस्तु है प्राण और दूसरी है सदगुरु। जिनके पास इन दो वस्तुओं में से एक की भी कमी है, वे जीवित रहते हुए भी मृतक के समान हैं।
— 🪷श्रीनारायण भक्ति पंथ🪷 —