श्रीपद्मिनि एकादशी🙏💐🌹
अर्पण और समर्पण का माह है पुरुषोत्तम माह 🪷🪷
परम पुण्यमय, परम भक्तिमय ऐसे पुरुषोत्तम मास में आने वाली यह बडीही दिव्य एकादशी हैं। एक तो यह पुरूषोत्तम मास जो भगवान श्रीनारायण को अत्यंत प्रिय हैं और सोनेपे सुहागा है यह ‘श्रीपद्मिनी एकादशी’। यह कल भगवान श्रीनारायण के सेवापूजा और भक्ति करने के लिए ही बना हैं। वैसे तो हर समय भगवान का नाम स्मरण करना चाहिए लेकिन इस पर्व में कुछ विशेष हैं।
इस कल में जो कुछ भी आप करेंगे उसका फल अनंत हो जायेगा।
जैसे अगर आप भगवान की प्रेममयी भक्ति करेंगे तो अवश्य ही नारायण की कृपा दृष्टि आप पर होगी। अगर आप पुण्य कार्य करेंगे तो अक्षय पुण्यों के धनी होंगे। अगर आप पाप कार्य करेंगे तो भी अनंत काल तक पापों का फल भोगने के लिए नरक में गिरना होगा।
इसलिए समझदारी से शास्त्रोंक्त कर्म कीजिए। जिससे जीवन के चारों पुरुषार्थ सफल हों।
इस अधिक मास में दान करने का अर्पण करने का बड़ाई श्रेष्ठ पुण्य बताया हैं। इस अधिक मास में विशेषकर श्रीपद्मिनी एकादशी के दिन भगवान श्रीनारायण के निमित्त किया गया अर्पण – समर्पण अवश्य हैं सकल संपदाओं और ऐश्वर्यों को आकर्षित करता हैं। क्योंकि भगवान श्रीनारायण के निमित्त जो भी कुछ अर्पण करते हैं वह श्रीमहालक्ष्मी जी को भी अर्पण हो ही जाता हैं। भगवान के निमित्त किया हुआ अर्पण का फल श्रीमहालक्ष्मी दीपावली के समय अपने अष्टरूपों में अपने घर पधार कर प्रदान करती हैं ऐसा शास्त्रों का कहना हैं।
इसलिए श्रेष्ठ पुण्य प्रदान करने वालें इस पुरुषोत्तम मास की एकादशी के दिन भगवान श्रीनारायण के मंदिर निर्माण हेतु प्रेम से यथाशक्ति अर्पण करें।
महाराष्ट्र में स्थित शहादा धाम में शेषशायी नारायण भगवान का दिव्य तीर्थ निर्माण हो रहा हैं इस तीर्थ का नाम श्रीश्रीनारायणपुरम तीर्थ हैं। यहापर 5100 श्रीशालीग्राम भगवान भी विराजमान होने वालें हैं। इस अलौकिक तीर्थ के निर्माण सहयोग हेतु अर्पण करें।