श्री नारायण भक्ति पंथ - SNBP
श्री गुरुदेव ने युववय मे ही श्रीनारायण भक्ति पंथ को ऐसे हरिभक्तो का संघ बनाया, जिन्होंने आपनी वाणी और वर्तन से ही धर्म प्रेरण की अनुपम भागीरथी प्रवाहित की।
नित्यवन्दनिय, परमपूज्य संत लोकेशानंद जी महाराज के जीवन कार्य से प्रभावित एक साहित्यकार लिखते है – अपने दिव्य तेज़ से असंख्य ह्रदयो को प्रकाशित करने वाले अनेको के चित्त अपनी और आकर्षित करने वाले अनेको के व्यसन, विकारो तथा चोर्यवृत्ति, हिंसावृत्ति को नष्ट करने वाले, निरंकुश तथा स्वछंदीओ को अनुशासित तथा गंभीर करने वाले, असयमिओ को सयम की रह पर लगाने वाले, आचार भ्रष्ठाओ को आचार शुद्धि सिखाने वाले , पतितो को पावन करने वाले ।
श्री नारायण भक्ति पंथ उद्देश्य
– व्यसन मुक्ति अभियान जिसके तहत व्यसनों से होने वाली हनी से लोगो को अवगत करना एवं उनसे व्यसन मुक्ति संकल्प पत्र भरवाना।
– समाज मे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाना एवं उन्हें योग शिविर आयोजित करना।
– समाज मे शांति का सन्देश पहुचाना इसके लिए लोगो को सहनशीलता रखना , लड़ाई हिंसा इत्यादि न करना ऐसी शिक्षा देना एवं मानसिक शांति के उपाय एवं साधन बताना है।
– समाज के लोगो को प्राकृतिक संसाधनों का उपुक्त उपयोग करना सिखाना एवं प्रकृति की सुरक्षा के ज्ञान को प्रेरित करना एवं वृक्षारोपण एवं वर्षा जल के संचय हेतु प्ररित करना एवं पानी की बर्बादी न हो इसके बारे मे जागृति लाना , प्राकृतिक जल संसाधनों को प्रदूषित न करे इसके लिए प्ररित करना।
– संस्था द्वारा गौशाला संचालित कर गौसर्वधन का कार्य करना एवं गोहत्या की रोकथाम के लिए प्रयत्न करना एवं गाय के द्वारा जो खाने मे पोलिथिन खा ली जाती है उससे उन्हें बचाना क्योकि इससे उनकी म्रत्यु हो जाती है।
– नागरिको मे आध्यात्मिक उत्थान हेतु सभाए आयोजित करना एवं नागरिको मे अच्छे संस्कारो के संचय हेतु भी विशाल सभाए लेना एवं सभा भवनों एवं आध्यात्मिक केन्द्रों का विस्तार करना एवं उपयोगी निमार्ग कार्य करना।
– आयुर्वेदाचार्य के सानिध्य मे रोग निवारण शिविर आयोजित करना।
– विद्यार्थियों के वैदिक ज्ञान की शिक्षा का प्रबंध करना।
– नागरिको को अच्छे व्यवहार ज्ञान का प्रशिक्षण देना एवं इन आयोजन मे आने वाले आगुन्तुको महानुभावो के आवास एवं भोजन की व्यवस्था करना।
नित्यवन्दनिय, परमपूज्य
संत लोकेशानंद जी महाराज
शेषशायी नारायण भगवान मंदिर
मंदिर
आस्था है,श्रद्धा है
धर्म है,संस्कृति है
शांति है,आनंद है
पुण्य है,पावन है
पवित्र है,प्रकाश है
सेवा है,सतकर्म है
साधना है,उपासना है
भजन है,भाव है
सत्संग है,उपासना है
ज्ञान है,भक्ति है
इन सभी श्रेष्ठताओं का आधार होते हैं दिव्य मंदिर।
अतः शाहदा (महाराष्ट्र) में शेषशायी नारायण भगवान के मंदिर श्रीश्रीनारायणपुरम् को साकार करने का पुण्यसेवा कार्य प्रारंभ हो गया है।
अतः सेवा के इस दिव्य कार्य में आप भी सम्मिलित हों ।
श्रीनारायण भक्ति पंथ(SNBP)
मंदिर हेतु आप अपनी सेवायें श्रीनारायण भक्ति पंथ-SNBP को प्रेषित कर सकते हैं।
Name: Shri Narayan Bhakti Panth
Bank: Bank Of India
A/c No. 069120110000106
IFS CODE – BKID0000691
Branch: Pusushottam nagar
(Tal. Shahada Dist. Nandurbar, Maharashtra
सेवा का दायित्व लेकर सभी को आनंद हुआ।